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Feb 22 2024 Blog

Dasha-दशा ही जीवन की दिशा तय करती है।

दशा ही जीवन की दिशा तय करती है।

दशा ही जीवन की दिशा तय करती है। वैसे तो जीवन में हर वो कर्म व्यक्ति विशेष के सामने अवश्य आते है जो योग कुंडली में स्थित हो चाहे वे योग शुभ हो अथवा अशुभ। किन्तु जीवन में घटनाओ का क्रम दशा ही निर्धारित करती है। आमतौर से ग्रह जो भी हो उसकी दशा में उक्त ग्रह के कारकत्व विशेष रुप से जीवन में नजर आते है। ध्यान रहे जीवन की मुख्या घटनाये जैसे विवाह ,संतान के लिए महादशा का भाव सक्रीय होना आवश्यक है एवं सभी ग्रहो की दशा में ये संभव है किन्तु ग्रह विशेष का आपके वातावरण एवं आपके स्वयं के व्यक्तित्व पर प्रभाव शुभ अथवा अशुभ अवश्य मिलता है। जैसे की यदि चंद्र की दशा हो तो चंद्र के कारकत्व मन , माता ,शरीर में जल , मानसिक स्थिति मुख्या प्रखर रूप से नजर आती है ,सूर्य की दशा में स्वाभिमान ,मंगल में ऊर्जा गुस्सा , शुक्र में विलासिता सुख की कामना ,गुरु में बड़ी जिम्मेदारी एवं स्वाभिमान ,शनि में कड़ी मेहनत , राहु में भ्रम यदि शुभ हो तो मिथ्या किये वचन भी पूरे हो , केतु में विरक्ति का भाव।

अर्थात जो भी दशा हो उसके अनुसार आपके व्यक्तित्व में बदलाव अवश्य आते है। शुभ अथवा अशुभ वो निर्भर है ग्रहो की स्थिति पर।

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