जीवन में आपका आज आपके भविष्य का निर्माण करता है।
जीवन में आपका आज आपके भविष्य का निर्माण करता है। इसमें कोई भी अतिश्योक्ति नहीं। और प्रभु की सबसे विचित्र लीला है जिस समय आप सबसे अधिक मानसिक चिंतन में अथवा मानसिक परेशानी में हो जीवन के सबसे अधिक महत्वपूर्ण फैसले जो जीवन को परीवर्तन करने वाले होते है उसी समय आपके जीवन में आपके सामने आते है। यहाँ तक किसी भी शपथ पत्र भी आप सरकार में आप देते है लिखा होता है आप स्वस्थ चित है। तो कैसे आप उक्त समय उचित निर्णय ले सकते है? जीवन में सभी के साथ यदा कदा ऐसे ही होता है , जिस समय आप निर्णय लेने की स्थिति में न हो उक्त समय पिता की सहायता यदि पिता नहीं है तो भगवान् अथवा गुरु के ऊपर ये छोड़े लेकिन सिर्फ तब जब आपकी कुंडली में नवमेश किसी राजयोग स्थिति में हो एवं नवम स्थान शुभ ग्रह से युक्त अथवा दृष्ट हो। यदि नवमेश में शुभत्व नहीं तो अपने जीवन साथी की सहायता ले सिर्फ तब जब ये स्थान बाधक स्थान न हो और यदि है भी तो किसी राजयोग में शामिल हो। यदि ऐसा नहीं तो अपने बड़े भाई बहन की सहायता ले यदि वो नहीं है तो किसी मित्र की सहायता ले सिर्फ तब जब लाभेश किसी धनयोग में शामिल हो। यदि ऐसा भी नहीं तो अपने छोटे भाई बहनो से सहायता ले सिर्फ तब जब तृतीयेश आपके लग्नेश की सहायता के रूप में हो। यहाँ माता का नाम इसीलिए नहीं लिया आपकी मानसिक स्थिति चंद्र स्थिति पर निर्भर है यदि आप अवसाद में है स्पष्ट रूप से माता भी उक्त समय प्रभावित है। यदि इन सभी की सहायता न ले सके तो माता की सहायता ले सिर्फ तब जब चंद्र चाहे अशुभत्व में हो किन्तु चथुर्तेश अति बलवान स्थिति में स्थित हो।
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