Author: Dinesh Yadav
हर गृह एक दुसरे से उत्तरोत्तर बलि कहे गए है। शनि से बलि मंगल , मंगल से बुध। बुध से गुरु, गुरु से शुक्र , शुक्र से चंद्र , चंद्र से सूर्य।1 शनि यदि बलि होकर अशुभ प्रभाव दे रहा है अर्थात आलस्य विरक्तता का भाव, वयवसायिक जीवन में वयवधान तो ऐसे में मंगल गृह की सहायता प्राप्त करके ऊर्जा प्रपात करके ही शनि के दुष्प्रभाव काम किये जा सकते है।2 मंगल यदि बलि होकर अशुभत्व तो अकारण झगड़ा। बार बार चोट लगना आदि दुष्परिणाम होंगे ऐसे में बुध की सहायता अर्थात वयवहारीक ज्ञान की बढ़ोतरी। या ये कहे मंगल की ऊर्जा को किसी वयवहारीक शिक्षा पप्राप्ति में खर्च की जाए तो मंगल के दुष्परिणाम से बचा जा सकता है3 यदि बुध बलि होकर अशुभ प्रभाव दे रहा हो तो जातक में अकारण बोलने व्यर्थ बोलने जितना वयवहारीक ज्ञान उस से अधिक ज्ञान का प्रदर्शन करने से दुष्परिणाम मिलेंगे। आप देखेंगे कई लोग अति बुद्धिमंहोते हुवे भी सफलता शून्य। ऐसे में यदि गुरु की सहायता ली जाए तो जातक बुध के दुष्परिणाम से बच सकता है।4 यदि गुरु बलि होकर अशुभ फलदायी होगा तो जातक में जरूरत से अधिक धार्मिक भाव। या ये कहे धर्म का आडम्बर अधिक। वही घर परिवार से जातक विमुख। अपने कर्तव्यों से विमुख होकर स्वयं एवं अपने परिवारजन के लिए अशुभ। ऐसे में शुक्र की मदद ली जाए तो जातक में अपने परिवार अपने दायित्व आदि का बोध होकर व्यर्थ आडम्बर आदिसे बच सकता है।5 यदि शुक्र बलि होकर अशुभ हो तो व्यर्थ लालसाये। चकाचोंध का जीवन के प्रति लालसा बढ़ जाएगी जिस से जीवन में परेशानी संभव ऐसे में मात्र चंद्र अर्थात मन को मजबूत करने से ही दुष्परिणाम से बचा जा सकता है।6 यदि चंद्र अशुभ तो मन की असिथरता अथवा जिद्दी अथवा किसी निर्णय पर न पहुंच पाना अथवा मानसिक अशांति ऐसे में सूर्य आत्मबल की वृद्धि द्वारा ही निदान संभव7 सूर्य यदि अशुभ तो ऐसे में राजसी गुणों की अतिवृद्धि या ये कहे हकीकत में ऐसा न होते हुवे व्यर्थ में दूसरो पर प्रभाव ज़माने की कोशिश आदि जिस से परेशानी ऐसे में शनि अर्थात मेहनत के द्वारा जमीनी सच्चाई को जानकार ही दुष्परिणाम से बचा जा सकता है।कोई भी गृह तीन प्रकार के फल प्रदान करता है शुभ अशुभ यहाँ सिर्फ एक गुण के आधार पर लेख लिखा गया है ,दैहिक दैविक एवं भौतिक। अर्थात हर गृह के कई तरह के करकटवा आप जोड़ सकते है। लेख में त्रुटि हो तो क्षमा करे। एवं किसी भी परेशानी में किसी योग्य ज्योतिषी से मिलकर ही कोईउपाय करे। धन्यवाद्।
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